न्यूनतम अंक एमबीबीएस में दाखिला पाने के लिए क्या है?

अधिकतर स्टूडेंट को पता होगा की एमबीबीएस में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है बिना नीट परीक्षा के मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं ले सकते है लेकिन न्यूनतम अंक एमबीबीएस में दाखिला पाने के लिए क्या है. इसकी जानकारी मैं इस लेख में दूंगा बहुत सारे स्टूडेंट ऐसे प्रश्नो के उत्तर इंटरनेट पर खोजते है अगर आप भी एमबीबीएस कोर्स की पढाई करना चाहते है तो इस लेख को शुरू से अंत तक पढ़े।

अगर आपका भी प्रश्न है कि डॉक्टर कैसे बने तो आपको एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष, बीयूएमएस, जैसे कोर्स करना पड़ेगा अगर इन कोर्सो को करने के लिए स्टूडेंट को नेशनल लेबल का एग्जाम देना होगा इस एग्जाम को क्वालीफाई करके ही एमबीबीएस कोर्स में दाखिला मिल सकता है यह एग्जाम काफी कठिन होता है इस एग्जाम को पास करना कोई बच्चो का खेल नहीं है।

एमबीबीएस कोर्स में 82 हजार से अधिक सीटों पर हर वर्ष नए स्टूडेंट के प्रवेश होते है ये सीटे मेडिकल कॉलेज बढ़ने से सीटे बढ़ जाती है लेकिन हर वर्ष 82 हजार से अधिक स्टूडेंट एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश लेकर डॉक्टर की पढाई करते है हर वर्ष एमबीबीएस डॉक्टर भी अपनी पढाई पूरी करके डिग्री प्राप्त करते है और वो आम जनता की सेवा करते है।

पहले एमबीबीएस से जुडी जानकारी ले लेते है इसका पूरा नाम बैचलर ऑफ़ मेडिसिन बैचलर ऑफ़ सर्जरी है यह पांच वर्ष का कोर्स है इस कोर्स को करने के लिए नीट एग्जाम पास करना ज़रूरी है इस कोर्स में मेडिकल लाइन से जुड़े पाठ्यक्रम पढ़ाये जाते है इस कोर्स में बॉडी के अलग अगल पार्ट के लिए स्पेशली पढाई करनी पड़ती है तभी अलग अलग बॉडी पार्ट के डॉक्टर बन पाते है।

न्यूनतम अंक एमबीबीएस में दाखिला पाने के लिए क्या है?

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नीट एग्जाम में कितना अंक प्राप्त करने पर एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश मिलता है इसके बारे में हम जानेगे लेकिन साथ हम सभी को ये पता है नीट परीक्षा में मेरिट के आधार पर उम्मीदवारों का चयन किया जाता है उसके बाद एमबीबीएस कोर्स में छात्रों को प्रवेश मिलता है निश्चित पर्सेंटाइल हासिल करने वाले स्टूडेंट को अच्छे कॉलेज में प्रवेश मिलता है यह पर्सेंटाइल सभी वर्गो के लिए अलग अलग हो सकते है।

टाइम ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार इसमें पहले प्रवेश के कटऑफ 50 फीसदी जनरल स्टेगरी और 40 फीसदी आरक्षित स्टेगरी जाती थी उसके आधार पर एडमिशन होता था लेकिन अभी ऐसा नहीं है अब 18 से 20 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट को भी एडमिशन मिल जाता है दरअसल पहले 50 फीसदी नीट में अंक लाने होते थे लेकिन अभी नीट में 50 पर्सेंटाइल लाने पर भी एमबीबीएस में एडमिशन मिल सकता है आइये जानते है पर्सेंटाइल क्या होता है।

पर्सेंटाइल आपको जानना ज़रूरी है। पर्सेंटाइल और पर्सेंटेज में अंतर होता है। पर्सेंटाइल अंको पर नहीं बल्कि अनुपात पर आधारित है। ये नहीं की आपके नीट एग्जाम में 50 फीसदी अंक आये तब भी आपके 50 पर्सेंटाइल बनेगे। ऐसा बिलकुल भी नहीं है।

मैं आपको बता दूँ यह अनुपात पर आधारित है स्टूडेंट को अपना पर्सेंटाइल निकालने के लिए ऐसा करना चाहिए। जितना स्टूडेंट का नंबर है। उसे टॉपर के नंबर से भाग देना है। और 100 से गुणा कर देना है। जो रिजल्ट आएगा वो पर्सेंटाइल होगा मान लीजिए। आपका 147 नंबर है। टॉपर का 720 नंबर है। इसे 100 से गुणा करना है। तो ये 147 / 720 *100 = 20.41 रिजल्ट आएगा। यही स्टूडेंट का 50 फीसदी पर्सेंटाइल बन जायेगा।

नीट कटऑफ

वर्ष 2020 में नीट कटऑफ की बात की जाये तो कुछ इस तरह रहा है।

  • जनरल :- 720 – 147 मार्क्स
  • जनरल पीएच :- 146 – 129 मार्क्स
  • एससी / एसटी / ओबीसी :- 146 – 113 मार्क्स
  • एससी / एसटी / ओबीसी / पीएच :- 128 – 113 मार्क्स

यह वर्ष 2020 का कटऑफ रहा है यदि इस केटेगरी के स्टूडेंट इतने मार्क प्राप्त कर लेते है तो उन्हें एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश मिल जाता है बात करे जनरल केटेगरी की 147 अंक से ज्यादा प्राप्त करने वाले स्टूडेंट को बड़ी आसानी से एमबीबीएस कोर्स या किसी अन्य कोर्स में प्रवेश ले सकते है वही ओबीएस एससी एसटी की बात करे तो उन छात्रों को एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश लेने के लिए 129 अंक से अधिक लाने होंगे तभी एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश मिल पायेगा।

पहले एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश पाने के लिए स्टूडेंट को 50 प्रतिशत अंक लाने होते थे यानि 720 अंक में से 360 अंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट को ही एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश मिलता था लेकिन अभी ऐसा नहीं है अब स्टूडेंट 145 अंक प्राप्त करके भी एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश पा सकता है वही एससी एसटी और दिव्यांग इससे कम अंक पर भी प्रवेश पा सकते है दिव्यांग स्टूडेंट नीट में 14.9 फीसदी अंक प्राप्त कर प्रवेश ले सकते है।

नीट के लिए 12 वीं में न्यूनतम प्रतिशत

कई स्टूडेंट इस प्रश्न का उत्तर जानना चाहते होंगे की 12वी में कितना प्रतिशत मार्क्स होना चाहिए नीट एग्जाम में बैठने के लिए। इसका जवाब मैं आपको देता हूँ नीट एग्जाम क्रैक करने की खुवाहिश रखने वाले सभी स्टूडेंट को इंटरमीडिएट में साइंस साइट चुनना चाहिए जिसमे फिजिक्स केमिस्ट्री और बायोलॉजी होता है इन सभी विषय से इंटरमीडिएट पास करने पर ही मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनाया जा सकता है।

नीट एग्जाम में बैठने के लिए जनरल केटेगरी के स्टूडेंट को 50 फीसदी मार्क्स लाने ज़रूरी है वही ओबीएस / एसटी / एससी / केटेगरी से आने छात्र 40 फीसदी मार्क्स लेकर भी नीट एग्जाम में बैठ सकते है और बात की जाये पीडब्लूडी से बिलोंग करने वाले स्टूडेंट की तो उनके लिए 45 फीसदी मार्क्स 12वी में होने चाहिए तभी नीट परीक्षा देकर अपना करियर अजमा सकते है।

यदि आपने पहले से निश्चित कर लिया है की आगे जाकर नीट एग्जाम क्रैक करके एमबीबीएस कोर्स की पढाई के लिए किसी अच्छे कॉलेज में प्रवेश लेना है पहले से ही फिजिक्स केमिस्ट्री और बायोलॉजी सब्जेक्ट पर खास करके फोकस करना चाहिए ताकि नीट एग्जाम की तैयारी करने में और परीक्षा क्वालीफाई करने में आसानी हो।

भारत में कुल एमबीबीएस की सीटों

बहुत सारे स्टूडेंट भारत में एमबीबीएस की कुल कितनी सीटे है ये जानना चाहते है तो मैं आपको बता दूँ भारत में एमबीबीएस की 83 हजार के लगभग सीटे है जोकि अलग अलग कॉलेज में है और इसमें प्राइवेट कॉलेज और सरकारी कॉलेज भी शामिल है यह अलग अगल स्टेट में मौजूद है इन सभी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स के लिए प्रवेश लिए जाते है।

भारत में कुल कितने मेडिकल कॉलेज है?

आशा है यह लेख आपको पसंद आया होगा इसमें हम लोगो ने जाना है कि न्यूनतम अंक एमबीबीएस में दाखिला पाने के लिए क्या है. इसकी जानकारी अधिकतर लोगो को नहीं होती है जोकि कटऑफ के ऊपर निर्भर करता है लेकिन यह लेख नीट एग्जाम क्रैक करने के बारे सोचने वाले स्टूडेंट को काफी हेल्प मिल सकता है यह लेख नीट स्टूडेंट की काफी मदद कर सकता है।

ऐसी ही जानकारी हमारे ब्लॉग पर पब्लिश की जाती है ऐसे कई आर्टिकल पहले से इस ब्लॉग पर पब्लिश है अधिक जानकारी के लिए के लिए हमारे ब्लॉग पर विजिट करके अन्य आर्टिकल को रीड करे मुझसे किसी सुझाव के लिए संपर्क करना चाहते है तो इसके आप contact page सहारा ले और मुझ तक अपना राय पंहुचाये।

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