Hockey ko hindi mein kya kahate hain | होंकी का हिंदी क्या है?

Hockey ko hindi mein kya kahate hain: हममें से बहुत सारे लोगो को यह जानकारी नहीं होगा की होंकी को हिंदी में क्या कहते है यदि आपको भी इसकी जानकारी नहीं है तो आपको यह आर्टिकल पढ़ना चाहिए और होंकी से जुडी विशेष जानकारी को अपनाना चाहिए।

जब भी कोई ऐसी जानकारी चाहिए होती है लोग इंटरनेट का सहारा लेकर अपनी जानकारी बढ़ाते है। क्या आप भी अपनी जानकारी को बूस्ट करना चाहते है तो यहा ऐसी कई जानकारिया मौजूद है जिसे आप पढ़के और देखे विशेष जानकारी ले सकते है।

भारत ने ओलम्पिक खेलो में 8 स्वर्ण 3 रजत व 3 कांस्य पदक जीते थे, इसके ही बदोलत एक ऐसे पर समय जब हमने आज़ादी पाई थी। हम गरीबी एवम भुखमरी से जूझ रहे थे, तब हॉकी ही था जिसने देश को एकजुट किया था और यह एहसास दिलाया था की हम भी कभी विश्व गुरु बन सकते है।   

Hockey ko hindi mein kya kahate hain?

होंकी का हिंदी क्या है? hockey-ko-hindi-mein-kya-kahate-hain

आपके सामान्य जानकारी के लिए बता दे कि होंकी कई अन्य नामो से भी जाना जाता है। जैसे डंडे और गेंद का खेल, होंकी का खेल, भारत का राष्ट्रीय खेल, दो टीमों का खेल, गेंद और होंकी का खेल, ऐसे कई अन्य नामो से होंकी खेल को जाना जाता है।

होंकी खेल का हमारे लिए काफी योगदान रहा है इस पर आपको अधिक जानकारी हॉकी के इतिहास से लेना चाहिए। भारत के लिए होंकी खेल का काफी इम्पोर्टेंस रहा है।

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हॉकी खेल का इतिहास,

हॉकी खेल का आविष्कार ईसा के जन्म से दो हजार पूर्व हुआ था। लेकिन तब इसे अलग तरीके से खेला जाता था इस खेल की शुरुआत मिस्र मानी जाती है। कुछ समय बाद हॉकी खेल का विस्तार यूनान तक हो गया और कुछ समय बाद यह खेल इतना popular हुआ की वहा इसकी ओलम्पिक प्रतियोगिता खेली जाने लगी। भारत में इस खेल का विस्तार ब्रिटिश सेना की वजह से हुआ था। भारत में सबसे पहले यह खेल छावनियो और सैनिको द्वारा खेला जाने लगा था। भारत में झांसी, जबलपुर, जालंधर, लखनऊ, लाहौर, आदि। क्षेत्रों में मुख्य रूप खेला जाने लगा था। 

धीरे-धीरे ये खेल आधुनिक होता गया आधुनिक युग में पहली बार हॉकी खेल की ओलंपिक प्रतियोगिता      29 अक्टूबर 1908 में लंदन में खेला गया था। लेकिन 1924 में हॉकी को ओलंपिक खेल से बाहर कर दिया गया था। ओलंपिक से बाहर हो जाने के बाद 1984 में एक संघ की स्थापना की गई थी, जिसका नाम अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (International Federation) रखा गया था। एशिया में हॉकी आने के बाद सबसे पहले ये खेल भारत में ही खेला गया था। भारत ने आज तक 8 स्वर्ण एक सिल्वर और दो कास्य पदक जीत लिए है। भारत के महान हॉकी स्टार मेजर ध्यानचंद हॉकी के बहुत अच्छे खिलाड़ी थे। इन्ही के जन्मदिवस पर भारत में खेल दिवस मनाया जाता है।

भारत में हॉकी का योगदान क्या रहा है?

भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी (honkey) ही है यह खेल भारत में सबसे पहले कलकत्ता में खेला गया था। 26 मई 1928 में भारत की हॉकी Team पहली बार ओलंपिक में भाग लिया था। और पहली बार में ही जीत प्राप्त की थी और भारत को पहला स्वर्ण पदक मिला था। इस खेल में मेजर ध्यानचंद्र और रूपसिंह का महत्तवपूर्ण योदान था। भारत ने हॉकी के 24 ओलम्पिंक मैच खेले और प्रत्येक मैच में जीत पाई है। इस खेल में भारत हमेशा विजयी रहा है भारत ने इन 24 मैचों में 178 गोल बनाए है भारत के झोली 8 स्वर्ण पदक जो हमारे लिए बहुत ही गर्व की बात है।

खेल में इन उपलब्धियो के कारण 1928 में हॉकी को भारतीय राष्ट्रीय खेल घोषित कर दिया गया था। विश्व में लगातार हॉकी के 6 ओलंपिक आयोजित किए गए। इन ओलंपिक में भारत ने लगातार 6 स्वर्ण पदक जीते थे, भारत की सफलता के कारण भारत में अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ की सदस्यता प्रदान की गई भारत में हॉकी का मुख्य श्रेय मेज ध्यानचंद को दिया जाता है। मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर भी कहा जाता है। 

भारत की प्रसिद्ध हॉकी अकेडमी

  • एयर इंडिया अकादमी (नई दिल्ली)           
  • स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड अकादमी (उड़ीसा) 
  • विशेष क्षेत्र खेल अकादमी (झारखंड)

हॉकी खेलने का समय

हॉकी का मैच लगभग 60 मिनट का होता है इसे 4 चार क्वाटर में बांटा जाता है। पहले और तीसरे क्वार्टर में बाटा जाता है पहले और तीसरे क्वार्टर के बाद दोनों टीमों को 2 मिनट का ब्रेक दिया जाता है। जिसमें वे पानी पी सकते हैं इसके अलावा हाफ टाइम के बाद 15 मिनट का ब्रेक भी होता है पहले यह मैच 70  मिनट का होता था। और 35 मिनट के बाद 5 मिनट का ब्रेक मिलता था। 

हॉकी खेल में खिलाड़ियों का वर्गीकरण कैसे होता है?

हॉकी खेल में 11 खिलाड़ी होते हैं। इन 11 को खिलाड़ियों का अलग-अलग काम दिए जाते हैं इन 11 खिलाड़ियों के अलावा 5 खिलाड़ी मैदान के बाहर खड़े होते हैं। 

फॉरवर्ड – ये खिलाड़ी विपक्षी से गेंद छीनकर अपनी टीम के खिलाड़ियों को गेंद पास करते है सबसे आगे खड़े होते हैं। 

हाफबैक – यह भी गेंद  पास करने का कार्य करते हैं और खिलाड़ी मध्य पंक्ति में खड़े होते हैं। 

फुलबैक – यह खिलाड़ी सुरक्षा पंक्ति में खड़े होते हैं। जो विपक्षी टीम को गोल करने से रोकते है। 

गोलकीपर – गोलकीपर खेल का मुख प्लेयर होता है गोलकीपर चोट से बचने के लिए पैड पहनता है। केवल गोलकीपर गेंद को पैर से या शरीर को किसी अन्य अंग बोल को रोक सकता है। अन्य खिलाड़ियों को इस की अनुमति नहीं होती है अन्य खिलाड़ी स्टीक से ही गेंद को पास करते है।

समाप्त  

लेख के माध्यम से हमने अपने पाठको को Hockey ko hindi mein kya kahate hain | होंकी का हिंदी क्या है. और इसके इतिहास पर विशेष जानकारी दी गयी है। अब हमारे पाठको को सारी जानकारी मिल गया होगा ऐसी ही और जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग पर मौजूद आर्टिकल से जानकारी ले सकते है।

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