परीक्षा और पेन का आविष्कार किसने और कब किया?

परीक्षा (Exam) से आप सभी वाकिफ होंगे हर एक कक्षा, डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स, नौकरी के लिए, एग्जाम क्वालीफाई करने की आवश्यकता होती है। लेकिन परीक्षा का आविष्कार किसने और कब किया और पेन का आविष्कार किसने और कब किया इस पर हम Details में जानकारी जानेंगे।

आप सभी जानते होंगे परीक्षा देना हम सभी के लिए काफी जरूरी है। बहुत कम ऐसे लोग होंगे जो परीक्षा यानी Exam से वाकिफ नहीं होंगे। क्योंकि आज जब किसी बच्चे का School में दाखिला करवाया जाता है। उसे KG, और 1st, से ही Exam देना होता है। अगले Class जाने के लिए मौजूदा कक्षा में पढ़ाये गए सिलेबस का एग्जाम देना होता है।

इसी तरह से Government और Private नौकरी के लिए परीक्षा देने की आवश्यकता होती है। वहीं पर कई Degree और Diploma को हासिल करने के लिए एग्जाम देना पड़ता है। वो चाहे डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, बैंकर, और अलग-अलग क्षेत्र में नौकरी प्राप्त करने हो। और इन पद पर बैठने के लिए भी परीक्षा पड़ाव से गुजरना पड़ता है।

बिना परीक्षा दिए किसी भी व्यक्ति के द्वारा नौकरी नहीं हासिल की जा सकती है। डिग्री नहीं हासिल की जा सकती है। कोई डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स नहीं हासिल किया जा सकता है। इसलिए हमारे जीवन परीक्षा का बहुत अहम रोल है।

परीक्षा का आविष्कार कब और किसने किया?

पेन का आविष्कार, exam-aur-pen-ka-avishkar-kab-hua

Exam की शुरुआत यानी जो कॉन्सेप्ट है। वह चीन के द्वारा दिया गया था। एग्जाम की शुरुआत 605 AD में सुई राजवंश में समीक्षा के पदों पर उम्मीदवारों का चयन करना था। इसलिए परीक्षा का जन्म हुआ था। यह परीक्षा जन्म के बजाय योग्यता के अनुसार चयन करने के लिए शुरू किया गया था।

उसके पश्चात 19वीं शताब्दी में सर हेनरी विशेल पहली बार परीक्षा का आविष्कार किया था। ये एक अमेरिकी प्रोफेशर थे। जिन्होंने पहली बार परीक्षा का आयोजन के बारे में सोचा था। हेनरी विशेल इंडियाना विद्यालय के प्रोफ़ेसर थे। और एक फ्रांसीसी दार्शनिक भी थे। हेनरी मिशेल ने ही परीक्षा को कई देशों से रूबरू करवाया था। जिसमें अमेरिका भी शामिल था।

हेनरी विशेल का मानना था किसी भी स्टूडेंट के द्वारा पूरे साल पढ़ाई करके अगले कक्षा में ऐसे चला जाना सही नहीं है। ये जैसे पता होगा स्टूडेंट सही से पढ़ा है। उसे विषय समझ आते हैं या नहीं आते है। Subject का सही से अध्ययन किया है या नहीं। इन चीजों का पता नहीं लग पाता था। इसलिए उन्होंने परीक्षा के बारे में सोचा और परीक्षा से कई अलग-अलग देशों को रूबरू भी करवाया।

परीक्षा कई अलग-अलग प्रकार के होते है। अलग-अलग जगह पर परीक्षाओं का आयोजन होता है। कुछ ऐसे परीक्षा होते हैं। जो सरकार की तरफ से करवाए जाते हैं। जो Govt Job के लिए होते हैं। कुछ ऐसी परीक्षाएं होते हैं। जो प्राइवेट संस्थानों और अलग-अलग संस्थानों के द्वारा करवाए जाते हैं। इसके अलावा University, college और Institute में परीक्षाओं का आयोजन कराया जाता है। जिसके माध्यम से पता चलता है कि स्टूडेंट ज्ञान का स्तर क्या है।

किसी भी स्टूडेंट Student का शिक्षा के क्षेत्र में कितना पकड़ है। और कितनी जानकारी है। वह जानने के लिए परीक्षा के अविष्कार के बारे में प्रोफेशर ने सोचा। इसका सीधा सा अर्थ यह है। कि निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए व्यक्तियों के अंदर कितना जानकारी है। और क्या उस लायक है। इन चीजों के लिए परीक्षा की शुरुआत हुई थी।

पेन का आविष्कार किसने और कब किया?

Pen के बिना आज हम लोग कुछ नहीं कर सकते बहुत सारी चीजों को स्थगित करना पड़ जाएगा। लेकिन कलम की शुरुआत कब हुई थी। क्या आपको मालूम है जो अगर नहीं, तो मैं आपको बता दूं। पेन की शुरुआत 300 ईसवी में मिस्रवासियों के द्वारा किया गया था।

लेकिन धीरे-धीरे Fountain pen और Ballpoint pen का बाद में अविष्कार हुआ। जो फाउंटेन पेन की बात की जाए तो 1827 में इसका आविष्कार हुआ। और वहीं पर बॉल पॉइंट पेन की बात की जाए तो 1988 में बॉल पॉइंट पेन का आविष्कार हुआ।

फाउंटेन का आविष्कार 1827 में पेट्राचे पोएनरू ने किया था। बाल पॉइंट की बात की जाए तो 1988 में जॉन जैकब लाउड के द्वारा किया था। 

लेख का हाईलाइट

लेख का शीर्षकपरीक्षा और पेन का अविष्कार
परीक्षा का खोज19वीं शताब्दी में सर हेनरी विशेल ने किया
पेन का खोज300 ईसवी में मिस्रवासियों ने किया
Fountain pen की खोज1827 में पेट्राचे पोएनरू
Ballpoint pen की खोज1988 में जॉन जैकब लाउड

यह भी पढ़े

अंतिम शब्द

लेख से परीक्षा और पेन का शुरुआत कब और कैसे हुआ। इसमें अलग-अलग लोगों के द्वारा परीक्षा का आविष्कार किया गया। और कलम का आविष्कार किया गया। इन चीजों का आज हमारे जीवन में काफी महत्व हैं। परीक्षा जो अगर नहीं होता है। तो किस तरह से हम अगली कक्षाओं में जा पाते। कलम नहीं होता तो हम किस तरह से लिख पाते और पढ़ पाते हैं। कई लोगों को लगता होगा परीक्षा नहीं होता तो काफी आसान होता पढ़ाई में। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है तब लोग मन लगाकर नहीं पढ़ते।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *